राज्य स्तरीय 10 वें देवर्षि नारद जयंती एवं पत्रकार समारोह में 8 पत्रकारों का सम्मान

राज्य स्तरीय 10 वें देवर्षि नारद जयंती एवं पत्रकार समारोह में 8 पत्रकारों का सम्मान

10th Devrishi Narad Jayanti and Journalist Ceremony

10th Devrishi Narad Jayanti and Journalist Ceremony

लोकहित में संवाद की विधा ब्रह्मांड के आद्य पत्रकार देवर्षि नारद जी से शुरु हुईः विपुल गोयल
-भारत को भारत के नजरिये से देखने की जरुरत,विदेशी चश्में से नहींः जतिन कुमार
-देवर्षि नारद एक पात्र संकल्पना नहीं,सत्य को स्थापित करने वाली जीवन शैलीःमुख्य वक्ता
-पत्रकारिता एक मिशन है,इसको समझना है तो नारद जी की कार्यशैली को समझना होगाःजतिन कुमार
पत्रकार बिना पक्षपात के राष्ट्रहित में पत्रकारिता करेंःअमीश देवगन

फरीदाबाद। दयाराम वशिष्ठ: 10th Devrishi Narad Jayanti and Journalist Ceremony: कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने देवर्षि नारद जयंती समारोह की बधाई देते हुए कहा कि वे ब्रह्मांड के प्रथम पत्रकार थे और लोकहित में सर्वप्रथम नारदजी से ही संवाद की विधा शुरु हुई। हमारे सामने नारद जी की चरित्र सत्यता पर अडिग रहने वाले पात्र के रुप में है,जोकि प्रेरणादायी है,लेकिन आज के समाज में यह कार्य कठिन जरुर है,मगर साथ ही इस मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देता है। उन्होंने कहा कि हमें जो भी सूचना देनी होती है वह सत्य और तथ्य पर आधारित होनी चाहिए।गोयल रविवार को प्रदेश स्तरीय देवर्षि नारद जयंती एवं 10 वें पत्रकार सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर प्रख्यात पत्रकार डा.अमित आर्य सहित अलग अलग श्रेणियों में मीडिया जगत से जुड़े प्रतिनिधियों को सम्मान स्वरुप प्रशस्ति पत्र,नगद पुरस्कार राशि,स्मृति चिह्न और पटका देकर कार्यक्रम के मुख्यातिथि एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तर क्षेत्र प्रचारक जतिन कुमार,पीपी स्टील कार्पोरेशन के चेयरमैन प्रेम पसरीचा,स्काईमैप फार्मास्यूटिकलस प्राईवेट लिमिटेड के एमडी संजय गुप्ता,विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष डा.मार्कंडेय आहूजा और सचिव राजेश कुमार ने सम्मानित किया।  

10th Devrishi Narad Jayanti and Journalist Ceremony

मुख्यातिथि ने अपने संबोधन में कहा कि आज भारत जिस दौर से गुजर रहा है,उसमें कोई भी ऐसा समाचार प्रचारित और प्रसारित ना करें,जिससे समाज में भ्रमित हो। उन्होंने कहा कि यह दौर सोशल मीडिया का है,इसका दायरा और भूमिका भी सरकार के साथ मिल तय करने की योजना पर काम चल रहा है। उन्होंने कार्यक्रम में सम्मानित किये गये पत्रकारों को बधाई दी और देवर्षि नारद जी का अनुसरण करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने 2014 से अब तक पत्रकारों के हित में अनेक कार्य किए।इनमें पत्रकारों की सम्मान पेंशन,कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा,यात्रा सुविधा और अन्य योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और संवाद का सहयोगी है,जिसे अपनी ड्यूटी परिपक्वता से निभाई चाहिए।  

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तर क्षेत्र प्रचारक जतिन कुमार ने कहा कि कोविड के समय में स्वास्थ्य और सुरक्षा कर्मियों का सम्मान हुआ। वहीं उन सभी को समाज के सामने लाने वाले पत्रकार भी सम्मान के पात्र हैं और यह कार्य विश्व संवाद केंद्र के प्रयासों से भी हुआ। उन्होंने कहा कि विश्व संवाद केंद्र हरियाणा में पिछले 10 वर्षों से जिला एवं प्रदेश स्तरीय देवर्षि नारद जयंती कार्यक्रम एवं सम्मान समारोह आयोजित कर रहा है,जिसमें उत्कृष्ट कार्य करने वाले मीडिया कर्मियों को सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कलम में बड़ी ताकत है,पत्रकारों कै कार्य केवल देश दुनिया को जानकारी देना नहीं है,अपितु देश दुनिया के हित में जनमत तैयार करना पत्रकारिता का मूल उद्देश्य है।

10th Devrishi Narad Jayanti and Journalist Ceremony

उन्होंने कहा कि 2012 में निर्भय रेप केस को मीडिया ने देश अस्मिता के साथ जोड़ कर उसे जन आंदोलन बनाने का काम किया,इसका सकारात्मक परिणाम था कि तत्कालीन सरकार को महिला सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाने को विवश होना पड़ा। इसी प्रकार 2011 में देश में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना आंदोलन को बड़ा स्वरूप देने का काम मीडिया ने किया था।यह कलम की ही ताकत है कि 1943 में जब बंगाल में अकाल पड़ा तो ब्रिटेन संसद में चर्चिल ने इस अकाल में भारत की जनसंख्या और लोगों के प्रति असंवेदनशील टिप्पणी की थी,जिसे उस दौर के विचारकों और पत्रकारों ने जनता को बताया कि यह अकाल ब्रिटेन प्रायोजित षड्यंत्र है।मलाला युसुफ पर जब तालिबान ने हमला किया तो यह मीडिया की ताकत का प्रभाव था कि उसे विश्व मंच पर सम्मान और नोबल पुरस्कार मिला।

उन्होंने कहा कि पत्रकार सम्मान सत्य का सम्मान है,क्योंकि एक पत्रकार ही है जो देश तोड़ने की नीयत रखने वाले तत्वों के फेक नैरेटिव को जनता के सामने लाने का काम करता है। नारद ब्रह्मांड के प्रथम पत्रकार थे,जो हर परिस्थिति में लोक मंगल के लिए उन्होंने संवाद किया। नारद हर परिस्थिति में हर दौर में लोक कल्याण के लिए कार्य करते रहे हैं। इस देश के इतिहास और परंपराओं को धूमिल करने के लिए ब्रिटेन के साथ साथ वामपंथियों ने भी बड़े षड्यंत्र किए।उन्होंने राम की छवि को धूमिल करने का काम किया,जबकि राम इस देश के आदर्श हैं। जब भी सर्वश्रेष्ठ शासन व्यवस्था की बात होती है तो राम राज्य का उदाहरण सामने होता है। जब सत्य की बात होती है तो राजा हरिश्चंद्र का चरित्र सत्यवादी के रुप में सामने होता है। जब चरित्र की बात आती है तो सती सावित्री का उदाहरण दिया जाता है। उन्होंने पाकिस्तानी धारावाहिक का उदाहरण देते हुए बताया कि उसमें भी एक पात्र अपनी बेगम को सती सवित्री कह कर टिप्पणी करते हुए देखना इस बात का प्रमाण है कि वह भारत की संस्कृति से भिन्न विचार रखने वाले भी सती सवित्री को एक आदर्श चरित्र में जानते हैं और अपने सिनेमा नाटकों में इसका उदाहरण देते हैं। उन्होंने कहा कि देवर्षि नारद एक पात्र संकल्पना नहीं,सत्य को स्थापित करने वाली जीवन शैली है। पत्रकारिता एक मिशन है,इसको समझना है तो नारद जी की कार्यशैली को समझना होगा। उन्होंने कहा कि भारत को भारत के नजरिये से देखने की जरुरत है,विदेशी चश्मे से नहीं।

10th Devrishi Narad Jayanti and Journalist Ceremony

देश के प्रख्यात पत्रकार एवं न्यूज एंकर अमीश देवगण ने कहा कि इस देश में वीर सावरकर को लेकर झूठी भ्रांति फैलाई गई,जिस महान क्रांतिकारी को दो बार काले पानी की सजा हुई,उसे गद्दार बताया गया। अगर वीर सावरकर समझना है तो उनके जीवन को पढ़ना जरुरी है। हम उन सभ्यताओं से प्रेरणा लेते हैं, जो हमारे से आधी हैं,जबकि भारत की पद्धति विज्ञान आधारित है। पत्रकार के लिए पहले देश है,उसके बाद और कुछ।स्वतंत्रता आंदोलन में पत्रकारों ने अभूतपूर्व कार्य किए थे। उन्होंने कहा कि यह दौर विमर्श निर्माण का है। गत दिनों पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष के दौरान एक मोर्चे पर जहां सेना लड़ रही थी,वहीं दूसरे मोर्चे पर मीडिया ने अपनी भूमिका निभाई। आपरेशन सिंदूर ने पूरे विश्व को यह अहसास करा दिया कि भारत किसी के सामने झुकने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से भारतीय सेना लगातार युद्ध के मैदान में रही है, उसे जंग लड़ने का अनुभव है,जबकि चीन की सेना ने 1962 के बाद कोई लड़ाई नहीं लड़ी। इसलिए हम दूसरे देशों को सिखाने वाले हैं,सीखने वाले देश नहीं है। विश्व संवाद केंद्र के सचिव राजेश कुमार ने कहा कि 90 के दशक में विश्व संवाद केंद्र की शुरुआत हुई थी,ताकि सत्य के साथ तथ्य सामने हों।उन्होंने कहा कि एक दौर में फिल्म जगत ने सनातन विचार को खराब करने का काम किया। इस तरह की अनेक घटनाएं हमारे सामने हैं। उन्हीं में देवर्षि नारद जी का चरित्र भी शामिल है।उन्होंने कहा कि यह विश्व संवाद केंद्र का ही सफल प्रयास हैं कि आज लोग इस बात को स्वीकार करते हैं कि नारदजी आद्य पत्रकार हैं। देश का व्यूज ठीक हो, यह प्रयास विश्व संवाद केंद्र कर रहा है। इस अवसर पर विधायक सतीश फागना, विभाग संघचालक अरविंद सूद,सह विभाग संघचालक जयकिशन,वीरभान शर्मा,संजीवन कुमार, विभाग कार्यवाह राजेश महेश्वरी, त्रिसंगठन मंत्री आरोग्य भारती,एमडीयू के रजिस्ट्रार केके गुप्ता,मानव रचना शिक्षण संस्थान के रजिस्ट्रार रमेश अरोड़ा,सरकार तलवार  आदि उपस्थित रहे।

इन पत्रकारों को किया गया सम्मान

देवर्षि नारद आजीवन उत्कृष्ट पत्रकारिता सम्मान पुरस्कार उत्तम राज (फरीदाबाद),हरियाणा पत्रकारिता गौरव पुरस्कार डा.अमित आर्य, महिला पत्रकारिता गौरव पुरस्कार साक्षी शर्मा (पंचकूला),पत्रकारिता नारद सेवा सम्मान ज्ञानेंद्र भरतरिया,समाजिक सरोकार देवर्षि नारद सम्मान पुरस्कार प्रियंका सौरभ (गुरुग्राम),नागरिक पत्रकारिता सम्मान पुरस्कार सुशील नवीन (हिसार), डिजिटल मीडिया सम्मान पुरस्कार यशपाल कंचन (जींद),ग्रामीण विषयक पत्रकारिता सम्मान पुरस्कार प्रवीण कुमार (तोशाम) को दिया गया।